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क्या कसूर था आखिर मेरा ? भाग ३

अब अपने बाप से कुछ दाने पानी का भी पूछे गी। या फिर इस के लिए तेरी मां को स्वर्ग से बुलाऊ। दादी ने गुस्से से कहा। ओह हो दादी आप भी ना जरा जरा सी बात पर मां को बीच मै ले आती हो। आज मै ने बोहोत मजे की सब्जी बनाई है । अंजली तुम खाना लगाओ मै हाथ मूंह धोकर आता हू। आज तो बोहोत थक गया हू और गर्मी भी बोहोत है । ओर हा मेरा बिस्तर आज बाहर लगाना हवा अच्छी चल रही है  । दुर्जन अंजली से कहता है । ओर हा आज आइसक्रीम वाले के पास तुम्हारे विज्ञान के अध्यापक मिले थे तुम्हारी तारीफ कर रहे थे । बता रहे थे बोहोत ही समझदार बच्ची है आपकी भगवान ने चाहा तो इस साल वो हमारे स्कूल की टॉपर बन सकती है । ये सुन कर तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गाया और हा वो कह रहे थे तुम्हारी फीस जमा करने का कल आखिरी दिन है याद से सुबह लेती जाना वरना नाम कट सकता है। अच्छा हुआ पिता जी आप ने याद दिला दिया वरना मै तो भूल ही गई थी । मुझे कल क्लास मे शर्मिंदा होने से बचा लिया आपने वरना १० उठक बैठक लगाना पढ़ती। अंजली ने कहा। मेरे होते हुए तुझे कोई भी परेशानी छू भी नही सकती मेरी बेटी । चल अब जल्दी से खाना परोस काफी भूक लगी है दुर्जन कहता हे। आओ मां तुम भी खाना खाओ। ओर देखो मेरी बेटी इस साल टॉप करेगी तुम ने सुना मास्टर जी ने जो कहा । हा हा सुना मै ने कितना ही  स्कूल मै अच्छी आ जाए करना तो इसे चूला चोखा ही उसमे टाप होना चाहिए। दादी ने कहा



तीनों ने खाना खाया उसके बाद दुर्जन थोड़ा चहल कदमी कर के बिस्तर पर लेट जाता है । थका होने की वजह से लेट ते ही सो जाता है। अंजली और दादी भी अपनी अपनी चारपाई पर लेट कर सो जाती है।

अगली सुबह एक नए दिन की शुरुवात होती है। राधे - राधे कहती हुई दादी अपनी खाट से नीचे उतरती है सुबह के ५ बज रहे होते है । दुर्जन भी उठ जाता है । दोनो नहा धोकर पूजा पाठ करते है। अंजली जो की सो रहि होती है। 

दुर्जन उस के कमरे मे आकर उस के सर पर हाथ फेरता हुआ उससे प्यार भरी आवाज़ मै कहता हे । अंजली बेटा उठ जाओ देखो सूरज भी निकल आया है । नहा धोकर तैयार हो जाओ मै तुम्हरे लिए नाश्ता बनाता हू । मंजू भी स्कूल के लिए तुमको ले जानें के लिए आती ही होगी। ये सुन अंजली बिस्तर से उठती है । ओर बाथरूम मे नहाने के लिए चली जाती है ७ बज चूके होते है । 

अंजली स्कूल की ड्रेस पहन कर बाहर आती है । पिता जी चोटी बांध दे । अंजली ने दुर्जन से कहा। दादी १८ बरस की हो गई लेकिन इससे चोटी बांधना नही आई बचपन मे तो ठीक था लेकिन अब कल को पिया के घर भी अपने बाप को ही बुलाए गी चोटी बांधने के लिए। दादी ने कहा। सीख जाएगी मां अभी उमर ही कितनी है इसकी । तू कांगी शीशा रख बाहर । मे अभी रोटी सेक कर आता हू। दुर्जन ने कहा।


चोटी बांध कर दुर्जन अंजली की। उसके बार तीनों नाश्ता कर रहे होते है तभी मंजू आ जाती है उसे लेने । अंजली उसे देख जल्दी जल्दी नाश्ता खतम करती है । दुर्जन ये ले तेरी फीस २५० इस महीने की । ओर ये १० रुपए तेरी इमली पापड़ के।  

उसके बाद दोनो सहेली एक दूसरे का हाथ पकड़ कर स्कूल की तरफ चलने लगती है। आज तो हम जल्दी पोहोच जाएंगे स्कूल । पिछली बार तो इतनी देर हो गई थीं और बीस उठक बैठक लगा कर तो जान ही निकल गईं थी । पता नही मंडे को स्कूल जाने का मन नही करता छुट्टी के बाद । हा ऐसा ही है । मंजू ने कहा ।

वो दोनो स्कूल पोहोच कर प्रार्थना के बाद सब बच्चो के साथ क्लास मे जा रही होती है की उनकी नज़र बाहर लगे नोटिस बोर्ड पर पड़ती है । जिस पर उन लोगो के इम्तिहान की तारीख लिखी थी जिसको देख वो सब डर गाए।


है राम ये तो डेट शीट है । मेरी तो कोई तैयारी भी नही है और ऊपर से ये सगाई मंजू कहती है अभी तो काफ़ी महीने है हो जाएगा सब कुछ अंजली ने कहा ओर वो दोनो क्लास मे चली जाती है ।

क्लास मै अंजली अपनी फीस टीचर को जमा करती हैं। टीचर सब बच्चो को एग्जाम की तैयारी करने के लिए मोटिवेट करती है। ओर अंजली से कहती हे। हमे तुमसे बोहोत आशाएं है , आशा करती हू तुम खूब मेहनत करो गी क्लास मै पृथम आने के लिए। ये सुन अंजली कहती है जी मैडम मै पूरी कोशिश करूंगी।

इसी तरह एक हफ्ता गुजर जाता है । उधर अर्जुन अपने पिता के साथ इलेक्शन मै बिजी रहता फिर एक दिन अंजली और मंजू को स्कूल जाते समय अर्जुन के एक आदमी ने देख लिया । ओर उसे पहचान लेता है वो उसको पकड़ता इससे पहले ही वो स्कूल के अंदर चली जाती है।

अर्जुन को वो फोन लगाता है और सब बताता है। अर्जुन जो की अपना बदला लेने के लिए पागल हुआ बैठा था । उससे बोला तू वही रुक और स्कूल की छुट्टी का इंतेजर कर जैसे ही छुट्टी होने वाली हो मुझे बताना मै रास्ते से उसे उठा लूंगा। ओर बताऊंगा अर्जुन से पंगा लेने की सजा क्या होती है।ठीक है साहब उस आदमी ने कहा।

अंजली और मंजू बेखबर थे। ओर स्कूल मै मजे से आनंद ले रही होती हैं। आखिरी पीरियड इंग्लिश का होता है । लेकिन उस दिन मैडम अनुपस्थित होती है इस लिए सब बच्चे एग्जाम की तैयारी करने लगाते है । तभी स्कूल की खिड़की के पास बैठी अंजली को बाहर खड़ी एक गाड़ी नज़र आती है जो उसे कुछ जानी पहचानी लग रही होती है पर याद नही कर पा रही होती है। जिस लिए वो मंजू को बुला कर वो गाड़ी देखने को कहती है। मंजू उसे देख कर पहचान जाती है और कहती हे। तुझे याद है एक हफ्ते पहले जो गुंडे हम लोगो के पीछे पढ़े थे । उनमें से एक के पास यही गाड़ी थी । ये सुन कर दोनो डर जाती है । ओर जल्दी से खिड़की बंद कर देती है । 


वो कुछ संभल पाती कि तभी अचानक उनके कानों मै छुट्टी की घंटी सुनाई पढ़ती है। जिसे सुन वो दोनो ओर डर जाती है। अंजली और मंजू डरी सहमी सब लड़कियों के साथ स्कूल से बाहर निकल ने लगती है थोड़ी दूर पोहोच कर वो अकेली हो जाति है । अब वो और डरने लगती है वो तेज़ तेज़ कदमों से रास्ता पार करती है लेकिन उस दिन रास्ता काटे नही कट रहा था उन दोनो से।

कि तभी अचानक उनके सामने एक गाड़ी आकर रूकी । ओर उसमे से अर्जुन कहता हुआ निकलता है। कहा तक भगोगी । मेने कहा था ना एक ना एक दिन तुम दोनो को ढूंढ कर रहूंगा । ये कहता हुआ अंजली के नजदीक आया और बोला तू ही थीं न वो जिसने उस बुड्ढे को बचाने के लिए मेरा हाथ पकड़ लिया था । अब इस हाथ को ही तोड़ दूंगा मैं। डालो इन्हे गाड़ी मै और ले चलो ये सुन मंजू और अंजली रोते हुई बोली हमे जानें दो । हम तुम्हारे रास्ते मै दोबारा कभी नही आएगा

तुम को जब हम इस काबिल छोड़े गै । तभी तो तुम हमारे सामने दोबारा आने की जरूरत करो गी। तुम्हे इस गांव मै मूंह दिखाने के काबिल ही नही छोड़े गै हम । तुम दोनो उस दिन को कोसो गी जिस दिन तुम मुझसे टकराई थी । भगवान के लिए हमे जानें दो । हमारे घर वाले हमारी राह देख रहे होंगे। अंजली और मंजू ने रोते रोते कहा मे तुम्हारे पाऊं पड़ती हूं हम दोनो को जानें दो। मंजू ने अर्जुन के पाऊं पकड़ते हुए कहती है। 

इतनी आसानी से नही भूलता अर्जुन अपनी बेइज्जती । उस दिन सारे दोस्त मुझ पर हस रहे  थे कि एक लड़की ने  अर्जुन का हाथ रोक दिया और वो उसे कुछ कह भी ना सका। पर आज मै उन सब को बताऊंगा की अर्जुन कोन है और क्या कर सकता है । डालो इनको गाड़ी मै और ले चलो ऐसी जगह जहा इनकी चीखों को कोई सुनने वाला ना हो ।

तभी उसके गुंडे मंजू और अंजली को गाड़ी मै जबरदस्ती बैठा ते है । लेकिन तभी मंजू और अंजली उनका हाथ काट कर भागने लगती है। तभी सामने से अर्जुन आ जाता है और उन दोनों के एक चाटा मारता है जिस की वजह से वो दोनों जमीन पर गिर जाती है। पिछले ४ घंटो से तेरा स्कूल से निकलने का इंतेजर कर रहा था और तू समझ रही है की मे तुझको इतनी आसानी से जानें दूंगा।

अंजली और मंजू दोनों बोहोत घबरा गई होती है। कि तभी अंजली की नज़र पास पढ़े नोकीले पत्थर पर पड़ती है जिसे देख वो उठा लेती  है और जोर से अर्जुन के सिर पर मारती है पत्थर अर्जुन के सिर पर बोहोत तेज लगा जिस की वजह से उसकी चीख निकल गई और वो नीचे ज़मीन पर गिर गया ये देख उसके सारे आदमी उसकी तरफ़ दोडे। अंजली और मंजू मोका देख वहा से भाग निकलती है । 


मंजू ने अंजली से कहा हमे इस बारे मैं अपने अपने  पिता को बताना चाहिए वो कुछ ना कुछ जरूर हल निकाल लेंगे । उनके पास सिर्फ एक ही हल होगा अंजली ने कहा । वो क्या मंजू पूछती है। घर मै बैठ जाओ बाहर मत जाओ। ओर मेरी दादी उन्हे पता चला तो मेरा स्कूल बंद हों जाएगा और तेरे पिता जी कल ही तेरी शादी करवा देंगे । अब नही आएंगे वो लोग उनको अच्छा सबक सीखा दिया हमने । अंजली ने कहा इसके बाद वो अपने अपने घर चली जाती है।


वो दोनों इस बात से अनजान थी की उन्होंने घायल शेर को और जख्मी कर दिया था । जो अब अंजली के खून का प्यासा हो चला था । अस्पताल आकर अर्जुन को होश आ जाता है । तभी उसके कमरे मैं उस के मां बाप आते है उसके पिता आग लगा दूंगा सारे गांव मै अगर मेरे बेटे को कुछ हुआ तो डॉक्टर । केसे हुआ ये सब , ये सुन कमरे मे सन्नाटा पसर गया कोई कुछ नही बोला दोबारा कड़क आवाज़ मै अर्जुन के पिता ने पूछा तब अर्जुन का एक दोस्त कहता है।

आ ... आ.... अंकल वो क्या है ना की हमर लोग घर आ रहे थे । तभी मै ने सोचा क्यों ना रेस लगाई जाए और देखते है कि कोन सबसे पहले हवेली पोहोचता है। इसी बीच दौड़ मै अर्जुन का पैर पत्थर से टकरा गाया और वो गिरकर दूसरे पत्थर पर उसका सिर लग गाया । जी पिता जी ऐसा ही हुआ था ये सही कह रहा है।

जहा तक मुझको याद पढ़ता है तुम लोग जंगल मे शिकार के लिए जाने वाले थे और जा भी चूके थे तो फ़िर हवेली क्यू वापस आ रहे थे जान सकता हु क्या मैं। अर्जुन के पिता ने कड़क आवाज़ मै पूछा 

ये सुन एक बार फ़िर अस्पताल के उस कमरे मे सन्नाटा छा गाया किसी के पास कोई जवाब नही था । तभी अर्जुन कहता है पिता जी वो हम बंदूक की गोली घर ही भूल गाए थे। इसलिए वो लेने आ रहे थे । 

शिकार पर जा रहे थे बंदूक की गोली साथ लिए बिना ये बात कुछ हजम नही हुई। अर्जुन के पिता ने उसके दोस्तो की तरफ़ देखते हुऐ कहा 

अब आप बाल की खाल निकालना बंद करे मेरा लाल मेरा जिगर का टुकड़ा सही सलामत है बस इतना काफ़ी है मेरे लिए अर्जुन का सिर चूमते हुई उसकी मां ने कहा 


समझा दो अपने इस लाल को इलेक्शन करीब आ रहे है । कोई ऐसी वैसी हरकत ना कर बैठे जिससे इलेक्शन पर कोई असर पढ़े वरना जो गोली ये भूल गाया था  घर पर वो इसके सीने मै उतार दूंगा ये कह कर उसके पिता वहा से चला जाता है। 

ये कह कर उसके पिता कमरे से चला जता है। कमरे मैं डॉक्टर आता है और अर्जुन का चेकअप करता है। केसा है अब यह । मां ने पूछा। शाम तक घर ले जा सकती है आप इनको ये कह कर डॉक्टर वहा से चला जाता है।

उसके दोस्त भी कमरे से चले जाते है। अर्जुन की मां मै जानती हू कोई और बात है जिसकी वजह से तुझे चोट लगी है। हा मां कोई है जिससे तेरे बेटे को हिसाब लेना है अपनी बेइज्जती का दो बार बच कर निकल गई तीसरी बार उसका काम तमाम नही किया तो मेरा नाम अर्जुन नही।

आखिर कोन है वो जो हमार परिवार से उलझ रही जानती नही है क्या हमारे बारे मैं। लगता है नई आई होगी गांव मै । जरूर बदला लेना उससे अपनी बेइज्जती का । लेकिन कुछ दिन रुक जा तेरे पिताजी अभी इलेक्शन मै लगे है । गांव वालो का सपोर्ट चाहिए उन को। अगर तू ने कोई एहमाखाना हरकत कर दी । तो तेरा बाप तेरे साथ साथ मुझे भी गोली से उड़ा देगा।

ठीक है मां तू अब घर जा मै सीधा शाम को घर आता हू । अब मै ठीक हू।

शाम को अर्जुन अपने घर चला जाता है। ओर अपने कमरे मे रखी शराब को पीता है। उसे बार बार अंजली का चेहरा नज़र आता है । जो उसको उसकी हार याद करा रहा होता है। अब वो खूंखार भेड़िया बन चुका होता है जो सिर्फ और सिर्फ अंजली को नुकसान पहुंचाना चाहता था।

अर्जुन एक अलग प्लानिंग कर रहा होता है । ओर सही वक्त का इतंजार करता है।अंजली से बदला लेने की। उधर अंजली उसे अपने रास्ते मै ना देख कर सोच रही होती है की शायद उसे अक्ल आ गई और शायद अब वो ऐसा वैसा कुछ ना करे।

इसी तरह अंजली और मंजू बेफिक्र होकर रोज स्कूल जाती इसी दौरान मंजू की सगाई भी नजदीक आ रहीं होती है

एक दिन वो दोनों पास के गांव मै मंजू की सगाई के लिए समान खरीदने जाती है। वो जो अच्छा मोका ढूंढ रहा होता है वो उन दोनों का पीछा करता है। समान खरीद ते खरीद ते समय का पता ना चला उन दोनों को और दोपहर से शाम होने लगती हैं।

चल अंजली अब घर चलते है। शाम हो चली । थोड़ी देर मैं अंधेरा भी हो जाएगा। ये कह कर वो दोनों वहा से निकल पढ़ी। तभी रास्ते मै उन्हें ऐसा लगा जैसे की कोई उनका पीछा कर रहा हो। उन्होंने अपनी रफ्तार तेज कर दी । लेकिन पीछे देखने पर वहा कोई ना था।

लेकिन तभी उन्हें किसी के करहाने की आवाज़ आई जैसे की कोई दर्द से कराह रहा हो। उन्होंने पास जाकर देखा तो आवाज़ पीछे झाड़ियों से आ रही थी । 

पास गई तो एक आदमी पीठ करे बैठा करहा रहा था। अंजली ने जैसे ही उसकी पीठ पर हाथ रखा। वो पलट गया जिसे देख उन दोनों की चीखे निकल जाती है । वो और कोई नही अर्जुन था देखते ही देखते उसके दोस्त जो की झाड़ियों मै छुपे बैठे थे । चारो तरफ़ से अंजली और मंजू को घेर लेते है।

ये देख दोनो मदद के लिए आवाज़ लगा ती है । कोई नही आने वाला अब । शाम हो चुकी अंधेरा छा गाया था। अंजली अर्जुन से उन दोनों को जानें देने की भीख मांगती है । लेकिन अर्जुन उसे एक तमाचा मारता है । ओर कहता है बोहोत भाग ली तू लेकिन अब नही । ये कह कर वो उसकी चोटी पकड़ कर । घसीटता हुआ गाड़ी की तरफ़ ले जाता है । अंजली , मंजू से तू भाग जा मंजू अपनी जान बचा इन दरिंदो से भाग जा मेरी फिक्र मत कर । ये सुन मंजू भागने लगती है। भागने ना पाए ये लड़की अगर ये गांव जा पोहोचि तो पूरा गांव हमारे पीछे लग जाएगा । अर्जुन ने अपने दोस्तो से कहा उसके कुछ दोस्त मंजू के पीछे भागे और कुछ अर्जुन के साथ अंजली को बांध कर उसके फार्म हाउस पर ले गाए।

मंजू जो की उस जंगल के चप्पे चप्पे से वाकिफ होती है उसके दोस्तो को चकमा देकर वहा से भाग निकलती है ।

वही दूसरी तरफ़ दुर्जन भी घर आ चुका होता है। बेटी को इतनी शाम मै घर पर ना देख घबरा जाता है। ओर मंजू के घर जाता है। लेकीन मंजू के घर वाले तो खुद भी मंजू की वजह से परेशान थे।

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2 Comments

Shnaya

07-Apr-2022 12:15 PM

Very nice👌

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Rakash

29-Jan-2022 12:16 PM

बहुत ही अच्छा

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